SPECIAL MESSAGE
मैंने ईद के मौके पर कभी गैरो के मोहल्ले में टोपी -इत्र-तस्बीह बिकते नहीं देखा।
लेकिन
मुसलमानों के मुहल्लों में गैरो के त्योहारों में फटाके - रंग-पतंगे और दीगर चीज़े बिकती हुवी देखि है।
और
लोग अपनी औलादो को शौक से ये चीज़े खरीद कर देते है।
ये भी नहीं सोचते की अगर अल्लाह हम से नारज होगया तो हमेशा की नाकामी है।
खुद सोचे वो अपने धर्म में कितने पक्के है।
और हम अपने मज़हब को कहा छोड आये।
और फिर दावा है अपने मुहम्मदी होने का।
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